कैसे होती है
मखाने की खेती
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मखाने की खेती मुख्यतः बिहार में की जाती है। यह एक लाभदायक फसल है जो पानी में उगती है।
बुवाई का समय
मखाने की खेती के लिए मई से जुलाई का समय उचित होता है। किसान इस समय बीजों की बुवाई करते हैं।
खेत की तैयारी
खेतों में 3-5 फीट गहरे पानी की जरूरत होती है। मखाना तालाबों और जलभराव वाले क्षेत्रों में उगाया जाता है।
पौधों की देखभाल
मखाने के पौधों को नियमित पानी की आवश्यकता होती है। खरपतवार से बचाने के लिए खेतों की सफाई जरूरी है।
खाद और उर्वरक का उपयोग
मखाने की फसल में जैविक खाद का उपयोग करना अच्छा होता है। यह पौधों को आवश्यक पोषक तत्व देता है।
फसल की सुरक्षा
मखाने की फसल को कीटों और बीमारियों से बचाना होता है। इसके लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें।
मखाने की कटाई
अक्टूबर से नवंबर के बीच मखाने की कटाई होती है। किसान पानी से फलों को निकालकर सूखने देते हैं।
मखाने का प्रसंस्करण
सूखने के बाद मखाने के बीजों को तोड़ा और भुना जाता है। यह मखाना बाजार में बेचने के लिए तैयार होता है।
मखाने की खेती से लाभ
मखाने की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है। यह सेहत के लिए भी लाभकारी होता है।
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