अनार की खेती
अनार
एक महत्वपूर्ण फसल है, जो उत्पादन और पोषण के लिए प्रसिद्ध है। इसकी खेती उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में की जाती है।
जलवायु
अनार की खेती के लिए गर्म जलवायु, जिसमें अधिकतम तापमान 30-35 डिग्री सेल्सियस हो, आदर्श है। यह ठंड और बर्फबारी को सहन नहीं कर सकता।
मिट्टी
अनार के लिए उपजाऊ, जल निकासी वाली मिट्टी सर्वश्रेष्ठ होती है, जैसे कि दोमट या बलुई मिट्टी।
पौधों की रोपाई
अनार के पौधे अप्रैल से जून के बीच रोपे जा सकते हैं, और पौधों के बीच उचित दूरी (3-4 मीटर) बनाए रखें।
सिंचाई
अनार की फसल को नियमित पानी की आवश्यकता होती है, विशेषकर गर्मियों में। ड्रिप सिंचाई विधि से पानी की बचत और फसल की बेहतर वृद्धि संभव है।
उर्वरक
अनार के पौधों के लिए संतुलित एनपीके (NPK) खाद का उपयोग आवश्यक है।
कीट एवं रोग प्रबंधन
फलों की मक्खी और तना छेदक जैसे कीट और एन्थ्रेक्नोज रोग हो सकते हैं, इसलिए उचित कीटनाशकों और फफूंदनाशकों का प्रयोग करें।
फलों की तुड़ाई
अनार की फसल आमतौर पर 2 साल बाद फलों की तुड़ाई के लिए तैयार होती है। फलों के पूर्ण विकसित और रंग बदलने पर ही तुड़ाई करें।
कृषि संबंधी ऐसे ही महत्वपूर्ण जानकारी के लिए भारतॲग्री वेबसाइट व्हिसिट करे।
भारतएग्री वेबसाइट