आमतौर पर सभी परतो को मिलाकर 2.5 से 3 मीटर लंबे और 90 सेंटीमीटर चौड़े वर्मीकम्पोस्टिंग ढेर तैयार करने चाहिए।
आमतौर पर सभी परतो को मिलाकर 2.5 से 3 मीटर लंबे और 90 सेंटीमीटर चौड़े वर्मीकम्पोस्टिंग ढेर तैयार करने चाहिए।
नारियल की भूसी, घास, चावल की भूसी जैसे जल्दी खराब न होने वाले पदार्थों की तीन से पांच सेमी मोटी परत बनाकर पर्याप्त पानी छिड़क कर गीला करे।
नारियल की भूसी, घास, चावल की भूसी जैसे जल्दी खराब न होने वाले पदार्थों की तीन से पांच सेमी मोटी परत बनाकर पर्याप्त पानी छिड़क कर गीला करे।
इस परत पर आंशिक रूप से सड़े हुए गोबर, खाद या बगीचे की छनी हुई मिट्टी की तीन से पांच सेमी मोटी परत चढ़ाए। पूर्ण विकसित 2 किलो केंचुओं को इस परत के ऊपर छोडे।
इस परत पर आंशिक रूप से सड़े हुए गोबर, खाद या बगीचे की छनी हुई मिट्टी की तीन से पांच सेमी मोटी परत चढ़ाए। पूर्ण विकसित 2 किलो केंचुओं को इस परत के ऊपर छोडे।
दूसरी परत बारीक कटा हुआ तथा आंशिक रूप से विघटित फसल के अवशेष, अनाज की भूसी, पौधों की पत्तियां, मछली का खाद, मुर्गी का गोबर आदि का उपयोग करना चाहिए।
दूसरी परत बारीक कटा हुआ तथा आंशिक रूप से विघटित फसल के अवशेष, अनाज की भूसी, पौधों की पत्तियां, मछली का खाद, मुर्गी का गोबर आदि का उपयोग करना चाहिए।
सुनिश्चित करें कि ढेर में कार्बनिक पदार्थ का तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहे। इसके लिए जरी को ढेर को टाट से ढकना चाहिए तथा प्रतिदिन पानी छिड़कना चाहिए।
सुनिश्चित करें कि ढेर में कार्बनिक पदार्थ का तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रहे। इसके लिए जरी को ढेर को टाट से ढकना चाहिए तथा प्रतिदिन पानी छिड़कना चाहिए।
साधारण दो महीने बाद वर्मीकम्पोस्ट तैयार होता है। खेत में अंतिम जुताई के समय 20 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर में केंचुआ खाद डालकर जुताई करें।
साधारण दो महीने बाद वर्मीकम्पोस्ट तैयार होता है। खेत में अंतिम जुताई के समय 20 से 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर में केंचुआ खाद डालकर जुताई करें।
वर्मीकम्पोस्ट के फायदे
वर्मीकम्पोस्ट के फायदे
मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। मिट्टी की भौतिक संरचना में परिवर्तन होता है। फसलों की उपज में 15 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि होती है।
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